चेलेबी एविएशन इंडिया का लाइसेंस रद्द: भारत-तुर्की संबंधों की छाया में एविएशन सेक्टर को बड़ा झटका

भारत सरकार ने तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी चेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया का सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द कर दिया है। यह फैसला भारत-तुर्की के बिगड़ते रिश्तों और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के बीच लिया गया है। आइए जानते हैं पूरा मामला और इसके पीछे की वजहें।

चेलेबी एविएशन क्या है?

चेलेबी एविएशन होल्डिंग एक तुर्की आधारित कंपनी है जो दुनियाभर में एयरपोर्ट ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो सेवाएं और विमानन सहायता सेवाएं देती है। इसकी भारतीय शाखा “चेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड” वर्ष 2009 से भारत में काम कर रही है।

भारत में चेलेबी की भूमिका

चेलेबी पिछले 15 वर्षों से भारत के प्रमुख 9 हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं दे रही है। इन हवाई अड्डों में दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद, कोचीन, नागपुर, गोवा, चेन्नई और बेंगलुरु शामिल हैं। कंपनी यात्रियों के बोर्डिंग, बैगेज लोडिंग-अनलोडिंग, रनवे संचालन, केबिन सफाई, विमान में ईंधन भरना आदि कार्यों की जिम्मेदारी निभाती है।

लाइसेंस रद्द करने की वजहें

ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए चेलेबी इंडिया का लाइसेंस रद्द किया। हालांकि, आधिकारिक रूप से कोई विशेष कारण नहीं बताया गया, लेकिन माना जा रहा है कि इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं:

  • तुर्की द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में बयान देना और भारत की आलोचना करना।
  • भारत की आतंरिक सुरक्षा को लेकर आशंका।
  • खुफिया एजेंसियों की ओर से चेतावनी और रिपोर्ट।

कंपनी का पक्ष

चेलेबी इंडिया ने बयान में कहा कि यह एक भारतीय कंपनी है जिसका प्रबंधन पूरी तरह भारतीय पेशेवरों द्वारा किया जाता है। उन्होंने दावा किया कि कंपनी भारत के सभी कानूनों और सुरक्षा मानकों का पालन करती है। उन्होंने सरकार से फैसले पर पुनर्विचार की अपील भी की है।

भारत-तुर्की संबंधों की पृष्ठभूमि

पिछले कुछ वर्षों से भारत और तुर्की के रिश्तों में तनाव रहा है। तुर्की ने कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर कई बार भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बयान दिए हैं। राष्ट्रपति एर्दोआन के नेतृत्व में तुर्की ने पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए हैं, जिससे भारत को आपत्ति रही है।

इसका भारत पर क्या असर होगा?

  1. एयरपोर्ट संचालन पर असर – 9 एयरपोर्ट पर अस्थायी रूप से ग्राउंड सेवाओं में व्यवधान हो सकता है।
  2. प्रतिस्पर्धा में कमी – ग्राउंड हैंडलिंग सेक्टर में प्रतिस्पर्धा कम होगी।
  3. नौकरी पर खतरा – चेलेबी में काम कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं।
  4. विदेशी निवेश पर प्रभाव – इससे विदेशी निवेशकों के मन में संदेह उत्पन्न हो सकता है।

विशेषज्ञों की राय

  • एविएशन विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह के फैसलों को क्रमबद्ध और पारदर्शी तरीके से लागू किया जाना चाहिए ताकि सेवाओं पर असर न पड़े।
  • राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला भारत की सुरक्षा नीति को प्राथमिकता देने का संकेत है।

निष्कर्ष

चेलेबी एविएशन इंडिया का लाइसेंस रद्द करना सिर्फ एक व्यावसायिक निर्णय नहीं है, बल्कि यह भारत की विदेश नीति और सुरक्षा चिंताओं से भी जुड़ा हुआ है। यह फैसला दर्शाता है कि भारत अब उन देशों और कंपनियों को लेकर सख्त रवैया अपना रहा है जो राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध माने जा रहे हैं।

यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में भारत इस मामले में क्या रुख अपनाता है और चेलेबी को वापसी का कोई मौका मिलेगा या नहीं।


लेखक: Upendra Singh
तारीख: 16 मई 2025